माँ के बेटे का नाम आदर्श उपाध्याय है अब वो एक लाश है. कारण 24 मार्च को यूपी पुलिस आदर्श को पकड़कर थाने ले गई थी.
परिजनों का कहना है पुलिस ने आदर्श को बहुत मारा पीटा और एक दिन बाद रिहा किया. घर आने पर उसकी तबीयत बिगड़ गई. अस्पताल लेकर गए, और मौत हो गई.
ऐसी अमानवीय घटना ब्राह्मण के साथ हो या बहुजन के साथ. हम सबको एक माँ के साथ खड़ा होना चाहिए. उसने अपना बेटा खोया है अगर कुछ गलत भी किया है सज़ा देने का काम कोर्ट का है, पुलिस का नही.